Newsalert9 (तमकुहीराज )
पारसनाथ की रिपोर्ट
उच्च न्यायालय द्वारा एक पक्षीय फैसला सुनाए जाने के बाद, क्षेत्र के पशु पालकों में चारे का संकट पैदा हो गया है। गन्ना पर्चियों को जारी करने पर रोक लगाने के कारण, पशुपालकों को हरा चारा उपलब्ध नहीं हो रहा है। क्षेत्र के पशुपालक माह दिसम्बर से लेकर अप्रैल तक पांच माह अपने पशुओं के लिए हरे चारे के रूप में गन्ने के पत्ते का उपयोग करते हैं, लेकिन अब यह सुलभ नहीं हो पा रहा है।
पशुपालकों में इस समस्या को लेकर हाहाकार मचा है, और वे अपने पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था करने में असमर्थ हैं। क्षेत्र के पशुपालक हरेंद्र कुशवाहा, मिट्ठू प्रसाद, रविन्द्र कुमार, कृष्ण कुमार आदि का कहना है कि गन्ने का हरा पत्ता पशुओं के लिए सिर्फ हरा चारा ही नहीं, वरन पांच माह तक सम्पूर्ण आहार के रूप में प्रयोग किया जाता है।
चीनी मिलों के साथ ही जनपद की नौ गन्ना समितियों ने उच्चतम न्यायालय में रिट दायर कर किसान हित में इनका पक्ष रखने की गुजारिश की है। केन यूनियन सेवरही के चैयरमैन धीरेन्द्र उर्फ राजू राय ने बताया कि इस मामले में चीनी मिलों द्वारा उच्चतम न्यायालय में रिट दायर कर किसानों के हित में तत्काल फैसला करने की अपील की गई है। उन्होंने उम्मीद जताया है कि आठ जनवरी को उच्चतम न्यायालय द्वारा किसान हित से जुड़े मामले का समाधान कर दिया जाएगा।
कुशीनगर के तमकुहीराज से पारसनाथ की रिपोर्ट —