कुत्तों के काटने की प्रवृत्ति बढी,,कइ लोगों की जान जा रही है। यह आदेश आक्रामक कुत्तों से छुटकारा दिलाने में महत्वपूर्ण साबित होगा —
Newsalert9 (कुशीनगर)
बाबा की रिपोर्ट —
सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि आवारा कुत्तों को सार्वजनिक जगहों पर खाना खिलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसके बजाय, नगर निगमों को इन कुत्तों के लिए अलग से भोजन स्थल बनाने होंगे।
कोर्ट के आदेश की मुख्य बातें
- आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद छोड़ा जाएगा: कोर्ट ने कहा कि आवारा कुत्तों को नसबंदी और टीकाकरण के बाद उसी क्षेत्र में वापस छोड़ दिया जाएगा, सिवाय उन कुत्तों के जो रेबीज से संक्रमित हैं या आक्रामक व्यवहार प्रदर्शित करते हैं।
- शेल्टर होम में रखे जाएंगे बीमार और आक्रामक कुत्ते: कोर्ट ने कहा कि शेल्टर होम में सिर्फ बीमार और आक्रामक कुत्तों को ही रखा जाएगा।
- सार्वजनिक जगहों पर खाना खिलाने पर रोक: कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक जगहों पर आवारा कुत्तों को खाना खिलाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
- नगर निगमों की जिम्मेदारी: कोर्ट ने कहा कि नगर निगमों की जिम्मेदारी होगी कि वे आवारा कुत्तों के लिए अलग से भोजन स्थल बनाएं और उनकी देखभाल करें।
- नियमों की अवहेलना पर कार्रवाई: कोर्ट ने कहा कि जो कोई भी इन नियमों की अवहेलना करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
क्या यह आदेश पूरे देश में लागू होगा?
यह आदेश पूरे देश में लागू होगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होते हैं। हालांकि, आदेश के क्रियान्वयन की जिम्मेदारी स्थानीय नगर निगमों और प्रशासन की होगी।
दिल्ली के लिए विशेष निर्देश
हालांकि यह आदेश पूरे देश में लागू होगा, लेकिन दिल्ली के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। कोर्ट ने दिल्ली नगर निगम को निर्देश दिया है कि वह आवारा कुत्तों के लिए अलग से भोजन स्थल बनाए और उनकी देखभाल करे।
*गांवों में क्या होगा?*
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद, गांवों में आवारा कुत्तों को लेकर निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
– *आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण*: गांवों में आवारा कुत्तों की नसबंदी और टीकाकरण के कार्यक्रम चलाए जा सकते हैं।
– *आवारा कुत्तों के लिए भोजन स्थल*: गांवों में आवारा कुत्तों के लिए अलग से भोजन स्थल बनाए जा सकते हैं।
– *आवारा कुत्तों की देखभाल*: गांवों में आवारा कुत्तों की देखभाल के लिए स्थानीय स्तर पर समितियों का गठन किया जा सकता है।
– *जागरूकता अभियान*: गांवों में आवारा कुत्तों की समस्या के बारे में जागरूकता अभियान चलाए जा सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश का उद्देश्य आवारा कुत्तों की समस्या को नियंत्रित करना और सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को बनाए रखना है। कोर्ट ने कहा है कि आवारा कुत्तों को सार्वजनिक जगहों पर खाना खिलाने से उनकी संख्या बढ़ती है और इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
बाबा की रिपोर्ट —
