वन विभाग द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन। ग्रास लैंड के विस्तार पर गहन चर्चा ।

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Newsalert9 (वाल्मीकि नगर)

नमन श्रीवास्तव की रिपोर्ट

भारत नेपाल व यूपी विहार से जुड़े विहार सीमा में वाल्मीकि टाइगर रिजर्व वन प्रमंडल एक और दो के अंदर निवास करने वाले शाकाहारी और मांसाहारी जीव जंतुओं को पर्याप्त मात्रा में भोजन की आपूर्ति के मद्देनजर ग्रासलैंड मैनेजमेंट को लेकर वाल्मीकि टाइगर रिजर्व के दोनों वन प्रमंडल में दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है।

रविवार को वन प्रमंडल दो के अंतर्गत वाल्मीकिनगर स्थित वन विभाग के सभागार में पहला कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में ग्रासलैंड इकोलॉजिस्ट डॉ जी डी मुरादकर ने ग्रासलैंड मैनेजमेंट संबंधी जानकारी वन कर्मियों को दिया । साथ ही शाकाहारी जानवर को कौन सा घास पसंद है और कौन सा नही इसकी भी जानकारी वन कर्मियों ओडियो विडियो के माध्यम से कराया गया। डब्लू डब्लू एफ के अहबर आलम ने बताया की वन क्षेत्र में मैकेनिया, फीनिक्स बीड, लेनटेना जैसी कुछ अनावश्यक प्लांट के भी घास वन क्षेत्र में है। जिन्हें हटाना जरूरी है। ये बाहरी घास शाकाहारी जानवरों के पसंदीदा घास दोआब, दुब, सीहोर, मस्कट जैसे घास को नुकसान पहुंचा रहे है। इसलिए वन क्षेत्र से बाहरी घास को हटाना जरूरी है। ताकि शाकाहारी जानवरों को उनके पसंद की घास का भरपूर विकास हो सके। इस अवसर पर वन संरक्षक नेशमणि, डब्लू डब्लू एफ के अनील कुमार सिंह, बोपन्ना जी,फील्ड बायोलॉजिस्ट सौरभ वर्मा, वाल्मीकिनगर के रेंजर अमित कुमार,मदनपुर के रेंजर नसीम, हरनाटांड के रेंजर शिव कुमार, चिउटाहा के रेंजर अमित कुमार, गनौली के रेंजर राजकुमार पासवान के साथ ही सभी रेंज के फॉरेस्ट गार्ड शामिल थे।

पश्चिमी चंपारण के वाल्मीकि नगर से नमन श्रीवास्तव की रिपोर्ट —

News Alert 9
Author: News Alert 9

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