Newsalert9 (तमकुहीराज)
पारसनाथ की रिपोर्ट
तमकुहीराज कस्बे में एक शोहदे को सबक सिखाने वाली बहादुर लड़कियों की कहानी सामने आई है। यह लड़कियां कोचिंग पढ़ने जा रही थीं जब एक मनचला युवक उनके पीछे छीटाकशी करने लगा। लेकिन इन लड़कियों ने हिम्मत नहीं हारी और मनचले को पकड़कर उसकी खातिरदारी की। यह घटना एक सबक है उन लोगों के लिए जो लड़कियों को अबला समझते हैं और उन्हें भोग्या मानते हैं।
जैसा कि एक कवि ने कहा है:
“मत चल जुल्म की राहों पर, आगे खाई भी है।
जिन्हें तूं समझ रहा अबला, इन्हीं में दुर्गा, काली, लक्ष्मी बाई भी है।”
यह कविता इस घटना को पूरी तरह से दर्शाती है। लड़कियां अबला नहीं हैं और उन्हें भोग्या नहीं माना जा सकता। उनमें भी दुर्गा, काली, लक्ष्मी बाई जैसी बहादुरी और साहस हो सकता है।
रविवार की सुबह जब लड़कियां कोचिंग पढ़ कर अपने घर जा रही थीं, तो एक मनचला युवक ओवरब्रिज चौराहे पर उनके पीछे चलने लगा और छीटाकशी करने लगा। लेकिन दो लड़कियों ने हिम्मत दिखाई और मनचले को दौड़ा लिया। लोगों ने जब यह देखा तो वे बहादुर लड़कियों की प्रशंसा करने लगे।
यह घटना एक संदेश देती है कि लड़कियां अबला नहीं हैं और उन्हें भोग्या नहीं माना जा सकता। उनमें भी दुर्गा, काली, लक्ष्मी बाई जैसी बहादुरी और साहस हो सकता है। यह घटना उन लड़कियों के लिए एक प्रेरणा है जो अपने अधिकारों के लिए लड़ने से नहीं हिचकिचातीं।
कुशीनगर के तमकुहीराज से पारसनाथ की रिपोर्ट —
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